Get an extra 10% off or more on select hotels with Member Pricing Join now, it’s free!
logoin6

swadesi smartphone operating system

swadesi mobile operating system

Google और Apple की बादशाहत होगी ख़त्म, अपना स्मार्टफोन के लिए अब अपना ऑपरेटिंग सिस्टम बनाएगा भारत

टेक न्यूज। स्मार्टफोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनियों में Google और Apple जैसी दिग्गज कंपनियों का वर्चस्व है। हालांकि भारत सरकार Google और Apple की बादशाहत ख़त्म करने की तैयारियों में जुट गयी है। दरअसल भारत सरकार स्मार्टफोन के लिए घरेलू ऑपरेटिंग सिस्टम (Indigenous Operating System) बनाना चाहती है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के बयान के मुताबिक़ भारत सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम (Swadesi Mobile Operating System) बनाना चाहती है। ताकि टेक्नोलॉजी के लिए दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता कुछ हद तक कम हो सके। इसके लिए एक अनुकूल परिवेश बनाने की नीति लाने की योजना बना रही है।

यह भी पढ़ें : – Amazon App पर जीत सकते हैं 20 हजार रूपये, बस करना होगा छोटा सा काम, जानें क्या है आसान तरीका

Swadesi Mobile Operating System

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने कहा – वर्तमान समय में स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम पर दो कंपनियों का दबदबा है। एक गूगल का एंड्रॉयड (Google Android). दूसरा, एपल का आईओएस (Apple IOS)। इन्ही कंपनियों के सॉफ्टवेयर स्मार्टफोन के हार्डवेयर को भी संचालित करते हैं। सही मायनों में देखा जाए तो अभी इन दो कंपनियों के अलावा किसी तीसरी कंपनी का ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार में उपलब्ध नहीं है। जो है भी वो इनकी पॉपुलरिटी के सामने कहीं नहीं टिकती हैं। ऐसे में एक नया हैंडसेट ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारत सरकार दिलचस्पी ले रही है।

यह भी पढ़ें : – 10 हज़ार रुपये से भी कम कीमत में मिल रहा यह एंड्रॉयड Smart TV, सेल में खरीदने का अंतिम मौका

Swadesi Mobile Operating System

आपको बता दें की ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी कंप्यूटर और मोबाइल उपकरण के परिचालन का मुख्य सॉफ्टवेयर है। ये उपकरण सही से काम कर सकें इसके लिए पूरे हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम में शामिल होता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार एक स्वदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के लिए स्टार्टअप और अकादमिक परिवेश के भीतर क्षमताओं की तलाश कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक निर्यात बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है।